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हमारा प्रयास

विद्याभारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से सम्बद्ध शिशु शिक्षा समिति उ०प्र० के तत्वाधान में बलिया जिले का प्रथम सरस्वती शिशु मंदिर जगदीशपुर, बलिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के अथक परिश्रम से 1963 में आरम्भ हुआ। बढ़ते हुये प्रभाव तथा समाज में प्रतिष्ठा को दृष्ठि पथ में रखकर शिशु मंदिर की प्रबन्ध समिति द्वारा दिनांक 01.07.1983 से सरस्वती शिशु मंदिर की अगली कड़ी के रूप में उसी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए षष्ठ से अष्टम तक के लिए सरस्वती विद्या मन्दिर, माल्देपुर ग्राम के निर्मल, स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण में पूज्य स्वामी ओम प्रकाश जी शास्त्री के सहयोग एवं स्व० शिवकुमार राय जी की प्रेरणा से प्रारम्भ किया गया। भारतीय अधिष्ठान पर भारतीय जीवन मूल्यों के निर्माण हेतु यह एक लघु एवं उत्तम नूतन प्रयास है। सन  1994 से विद्या मन्दिर को केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सी०बी०एस०ई०) , नईदिल्ली द्वारा माध्यमिक कक्षाओं (9 और 10) की मान्यता प्राप्त हुई। बोर्ड परीक्षा में कक्षा दशम के अनवरत उत्तम परीक्षाफल को देखते हुये अभिभावक बंधुओं के विशेष आग्रह पर (10+2) की मान्यता प्राप्त कर 1997 से इंटर विज्ञान वर्ग एवं सन 2002-03 से वाणिज्य वर्ग का शिक्षण, योग्य एवं अनुभवी आचार्यगण द्वारा प्रारम्भ किया गया जो निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर अखनपुरा, रसड़ा माल्देपुर स्थित विद्यालय की एक नई इकाई के रूप में नाथपंथ की पावन तपस्थली में रसड़ा - गाजीपुर मार्ग पर शान्तिपूर्ण परिवेश में वर्ष 2015 के अप्रैल माह से प्रारम्भ किया गया है। जहाँ हम अपनी श्रेष्ठ परम्परा को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता के साथ सतत क्रियाशील है।

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