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हमारा वैशिष्ट्य

1- विद्यालय का शांति एवं संस्कार क्षम वातावरण।
2- बालकों में लेखन प्रतिभा के विकास हेतु पत्रिका संपादित करने की व्यवस्था। प्रांतीय समिति द्वारा 'दर्पण' पत्रिका का प्रकाशन होता है।
3- विद्यालय में जनरेटर (विद्युत जनित्र) की समुचित सुविधा उपलब्ध।
4- स्वच्छ, सुंदर एवं आधुनिक साज-सज्जा से युक्त भवन।
5- आरोग्य युक्त शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था। (R.O. सुविधा)
6- सुयोग्य एवं संस्कारित आचार्य गण द्वारा नवीन वैज्ञानिक पद्धतियों पर आधारित शिक्षण।
7- निर्धारित, नियमित ली कार्य की व्यवस्था।
8- संस्कारक्षम वातावरण निर्माण की दृष्टि से विद्या भारती की योजना अनुसार पंचमुखी शिक्षा की व्यवस्था।
9- छात्रों को सर्वांगीण मूल्यांकन हेतु 'सतत् मूल्यांकन पद्धति' का प्रयोग।
10- खेल-कूद की अंतर विद्यालय प्रतियोगिता का आयोजन।
11- स्वाध्याय हेतु एक वृहद पुस्तकालय वाचनालय की स्थापना का कार्यारंभ।
12- छात्रों को अंतर्निहित शक्तियों एवं प्रवृत्तियों के विकास हेतु विभिन्न सह-पाठ्य के क्रियाकलापों तथा प्रयोग  कार्यो पर बल यथा-

  • व्यवस्थाप्रियता तथा वकतृत्व शक्ति के विकास हेतु छात्र संसद की व्यवस्था।
  • उत्तरदायित्व की भावना के विकास हेतु छात्र मंत्रिमंडल के गठन की योजना।
  • विषयों के व्यवहारिक ज्ञान हेतु विभिन्न छात्र परिषदों का गठन।
  • अखिल भारतीय स्तर तक गणित व विज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन।
  • शारीरिक प्रतियोगिताओं का संकुल, प्रांत, क्षेत्र तथा अखिल भारतीय स्तर पर आयोजन।

13- सामाजिक तथा भौगोलिक ज्ञान अर्जन हेतु 'देश दर्शन यात्रा'। ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन, छात्र शिविर एवं शैक्षिक प्रदर्शनी के आयोजनों की व्यवस्था।
14- अत्याधुनिक स्मार्ट क्लास की सहायता से कक्षाओं के संचालन की व्यवस्था।
15- अपनी मातृभूमि, संस्कृति, धर्म एवं  महापुरुषों के संबंध में ज्ञान प्राप्त करने हेतु संस्कृति ज्ञान परीक्षा की व्यवस्था।
16- छात्रों के समुचित विकास की जानकारी हेतु आचार्य एवं अभिभावक संपर्क तथा नियमानुसार अभिभावक सम्मेलन, मातृ सम्मेलन, गोष्ठी का आयोजन की व्यवस्था।
17- आचार्य एवं अभिभावक दोनों के छात्र के विषय में तथा उनके गृह कार्य आदि के विषय में जानकारी के निमित्त छात्र दैनंदिनी की व्यवस्था।
18- गृह परीक्षा में अर्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षाओं का प्रांतीय समिति द्वारा संचालन होता है।
19- वंदना, भोजन मंत्र, प्रातः स्मरण, एकात्मता स्त्रोत, राष्ट्रगीत, एवं महापुरुषों की जयंतियों के द्वारा संस्कारों के उन्नयन पर बल।
20- सह-शिक्षा का श्रेष्ठ अध्ययन केंद्र जहां गुरुकुल परंपरा पर अध्यापन कार्य।

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